हाइकु
हाइकु
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
पावनता किसी की
पूछो मन से ।
2-ये प्यार कभी
परखा नहीं जाता
सिर्फ़ तन से ।
3- हमे चाहिए
जीवन में केवल
सुख तुम्हारा ।
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1 Respones to "हाइकु"
सुन्दर
17 नवंबर 2010 को 9:44 pm बजे
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